क्या आप एक नवोदित युवा हैं और धात सिंड्रोम की समस्या से पीड़ित हैं? दरअसल, युवाओं में धात गिरना या धातु रोग का होना एक आम गुप्त समस्या है। आयुर्वेद चिकित्सा और उपचार के पास इस गुप्त रोग का 100 फ़ीसदी सटीक समाधान व इलाज है। आम तौर पर युवाओं में होने वाले इस गुप्त रोग के बारे में बताने जा रहे हैं पटना के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे। वह विश्व-विख्यात आयुर्वेदाचार्य है जिनका कि आयुर्वेदिक चिकित्सा व सेक्सोलोजी चिकित्सा विज्ञान पर उनकी पकड़ काबिले-तारीफ है। उम्मीद है कि उनके द्वारा बताये सारी जानकारी उन सभी यौन रोगियों के लिए मददगार होगा जो इस समस्या से पीड़ित हैं।
धात सिंड्रोम क्या है?
प्राचीन समय में भारत के कई विद्वानों का मत था कि धात एक शारीरिक हास्य है जो भोजन के रूप में शुरू होता है और धीरे-धीरे रक्त, अस्थि मज्जा और वीर्य में बदल जाता है। यह मानव शरीर की सबसे कीमती धातु है जिससे यह सब बनता है। वीर्य की हानि को ही धातु की हानि के रूप में देखा जाता है जिसे जीवन शक्ति की हानि होती है। वास्तव में उनका यह कथन बिल्कुल सत्य है क्योकि इसका सामान्य उदाहरण अपने दैनिक जीवन में देख सकते है। मनुष्य के जीवन की चार अवस्था होती है और इसमें धातु का किरायेदार बहुत अहम होता है।
हमारे आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि वास्तव में यह उन सभी गुप्त रोगियों के लिए चिंता का विषय है जो धात सिंड्रोम या धातु रोग से पीड़ित हैं। धात या वीर्य की हानि स्वस्थ जीवन की हानि है। इस गुप्त समस्या के कारण मरीज़ को अपने भविष्य के स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंता रहती है। हमारे शरीर से इस बहुमूल्य धातु का अत्यधिक निष्कासन पुरुष बांझपन, स्तंभन दोष और यौन कमजोरी का कारण बनता है।
धात सिंड्रोम के कारण:
आमतौर पर यह यौन विकार युवाओं में होता है, पुरे दुनिआ में अगर देखा जाय तो 90% युवाओं को इस धातु की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस धातु रोग की समस्या में, यौन रोगियों को हमेशा यह शिकायत रहती है कि उसका बहुमूल्य धातु ज्यादातर समय मूत्र मार्ग या अज्ञात में शुक्रपात से बाहर निकल रही है। कीमती धातु के इस नुकसान की चिंता हमेशा मनुष्य को धात सिंड्रोम की ओर ले जाती है। रोगी इस धातु रोग के बारे में सोच-सोच कर सदैव गंभीर चिंता में डूबा रहता है।
धात सिंड्रोम के लक्षण:
हालांकि धात सिंड्रोम के लक्षण अस्पष्ट हो सकते हैं, लेकिन कई दैहिक और मनोवैज्ञानिक शिकायतें जैसे थकान, उदासीनता, भूख न लगना, शारीरिक शक्ति में कमी, एकाग्रता में कमी, भूलने की बीमारी और अन्य अस्पष्ट दैहिक गड़बड़ी। इसके अलावाअन्य लक्षण चिंतित और उदास मनोदशा से जुड़े हैं।
धात सिंड्रोम के लिए प्राकृतिक उपचार और दवा:
डॉ. सुनील दुबे जो कि बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट भी हैं, उनका मानना है कि किसी भी गुप्त या यौन रोगियों के लिए प्राकृतिक उपचार और दवा हर समय असरदार होती है। प्राकृतिक चिकित्सा व उपचार न केवल समस्या को जड़ से ठीक करती है बल्कि प्राकृतिक तरीके से शारीरिक कमियों को भी दूर करती है। वह अब तक चार लाख पच्चीस हजार से ज्यादा गुप्त व यौन रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज कर चुके है। वह हमेशा सभी गुप्त व यौन रोगियों को अपनी शोधित गुणवत्तापूर्ण प्राकृतिक औषधि प्रदान करते हैं जो उनके लिए हर समय प्रभावी और रामबाण का कार्य करती है। उनका कहना है कि इस यौन विकार के इलाज में आयुर्वेदिक दवाएं, यौन परामर्श और मनोचिकित्सा सबसे उपयोगी गतिविधियां हैं। वह रोगियों को उनके समस्या के आधार पर उनका इलाज करते है।
संक्षेप में, हम कह सकते है कि आयुर्वेद मेडिकेयर अत्यधिक भरोसेमंद चिकित्सा व उपचारों में से एक है जो हर समय सबके लिए विश्वसनीय है। दुबे क्लिनिक भारत का सबसे भरोसेमंद और बिहार का पहला आयुर्वेदा व सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक और अनुसंधान केंद्र है जो पूरी तरह से प्राकृतिक उपचार प्रदान करता है। इस क्लीनिक से कोई भी मरीज फोन पर जुड़कर अपना इलाज और दवा प्राप्त कर सकता है।
अगर आप गुप्त या यौन रोगी हैं और भारत में कहीं भी रहते हैं तो यह आपके लिए सुनहरा अवसर है। आप दुबे क्लीनिक से फ़ोन पर संपर्क कर सकते हैं। दुबे क्लिनिक के कॉल प्रतिनिधि आपकी पहली कॉल से लेकर आपकी दवा लेने के आखिरी समय तक आपकी मदद के लिए मौजूद हैं। यह क्लिनिक आपको हर समय पूरी तरह से प्राकृतिक उपचार और दवा प्रदान करता है जिसका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।
शुभकामना सहित:
दुबे क्लिनिक
भारत का एक प्रमाणित क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, गोल्ड मेडलिस्ट सेक्सोलॉजिस्ट
बीएएमएस (रांची) एम.आर.एस.एच (लंदन) पीएच.डी. आयुर्वेद में (यूएसए)
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली चौराहा, पटना - 04
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586; +91 91555 55112
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