नमस्कार दोस्तों, भारत के सबसे भरोसेमंद आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान - दुबे क्लिनिक में आपका स्वागत है।
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि आज भारत ही नहीं बल्कि पुरे दुनिया में इरेक्शन की समस्या वाले यौन रोगियों की संख्या दिन -ब -दिन बढ़ती जा रही है। भारत के विभिन्न शहरों से अधिकांश लोगों ने ऑनलाइन संचार के माध्यम से हमसे संपर्क किया और भारत में नंबर 1 सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के बारे में जानना चाहा जो उनकी इरेक्शन समस्याओं से छुटकारा दिलाने में हर समय उनके लिए मददगार हो।
अभी, हम अपने विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे के साथ हैं जो सबसे सफल आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा शोधकर्ता व भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित वरिष्ठ पटना के सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं। वह पुरुषों के साथ होने वाली इन स्तंभन यौन समस्याओं के बारे में बताएंगे। इस यौन रोग से पीड़ित लोगों के लिए सबसे अच्छा इलाज क्या होगा और कौन से सेक्सोलॉजिस्ट सबसे ज्यादा सहायक होंगे?
इरेक्शन समस्याओं के बारे में मूल जानकारी:
पुरुषों में इरेक्शन की समस्या जटिल यौन विकारों में से एक है जो 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच किसी भी पुरुष को प्रभावित कर सकती है। 40 की उम्र के बाद पुरुषों में यह एक आम यौन समस्या है क्योंकि उस समय टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम होने लगता है। इस यौन हॉर्मोन का स्तर प्रति वर्ष 1 % स्वाभाविक रूप से कम होता है।
आज के समय में 40 वर्ष से कम उम्र के कई लोगों में इरेक्शन की यह समस्या आसानी से देखी जा सकती है। यह समस्या न केवल उनके यौन स्वास्थ्य बल्कि वैवाहिक जीवन के लिए भी अच्छा संकेत नहीं है। आमतौर पर इस समस्या के शुरुआती दौर में इसका इलाज यौन रोगियों के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। आइए अब जानते हैं इरेक्शन की समस्या और इसके प्रकार के बारे में।
भारत के विश्व प्रसिद्ध सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे का कहना है कि इरेक्शन की समस्या होने पर; एक पुरुष अपने लिंग को बनाए रखने या उसे खड़ा करने में असमर्थ होता है जो संभोग के लिए एक आवश्यक कार्य है। दरअसल, इस स्थिति में लिंग क्षेत्र के आसपास का रक्त संचार धीमा या अनियमित हो जाता है, इस कारण से व्यक्ति को इस विकट समस्या का सामना करना पड़ता है।
इरेक्शन डिसफंक्शन को तीन चरणों में वर्गीकृत किया गया है और जो निम्नलिखित हैं:-
1. कमजोर इरेक्शन:
40 वर्ष से कम उम्र के अधिकांश पुरुष इस कमजोर इरेक्शन से पीड़ित हैं, जिसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी कहा जाता है। वे संभोग के दौरान अल्पकालिक इरेक्शन का अनुभव प्राप्त करते हैं। इस स्थिति में उनमें पहले जैसा इरेक्शन नहीं हो पाता है, जैसा कि वह चाहते है। वे इस इरेक्शन को नाममात्र अवधि के लिए प्राप्त करते हैं जो एक सफल यौन जीवन के लिए अपर्याप्त एवं सुस्त है। आज, 10 में से हर एक पुरुष अपने जीवन में इस स्तंभन दोष के पहले चरण से पीड़ित है।
2. कभी-कभी इरेक्शन:
यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन यौन समस्या का दूसरा चरण होता है। इस स्थिति में पुरुष के लिंग में अनियमित रूप से इरेक्शन होता है। उसे कभी-कभी ही इरेक्शन महसूस होता है, वह भी एक विशेष स्थिति में। दरअसल, यह समस्या आजकल 30 साल से अधिक उम्र के लोगों में देखने को ज्यादा मिल रही है।
3. कोई इरेक्शन नहीं:
जब टेस्टोस्टेरोन का स्तर सबसे निम्नतम स्तर पर होता है तब पुरुषों को इस यौन हार्मोन का उत्पादन करने में अधिक समय लगता है, तो यह स्थिति उनके साथ बनी रहती है। दरअसल, 60 साल की उम्र के बाद पुरुषों में यह एक आम यौन समस्या है लेकिन आज की तारीख में ज्यादातर अधेड़ उम्र (40 -50) के लोग में यह समस्या ज्यादा मात्रा में हो रही है।
स्तंभन दोष का स्थायी समाधान केवल आयुर्वेद में ही संभव:
भारत के सबसे लोकप्रिय सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति इरेक्शन की समस्या से ग्रसित है तो केवल आयुर्वेद उपचारों में ही बिना किसी सर्जिकल गतिविधि के पूर्ण समाधान व इलाज संभव है। उन्होंने अपनी आयुर्वेदिक चिकित्सा और उपचार के माध्यम से भारत में चार लाख से अधिक यौन रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। लाखो मरीज का सफल इलाज दुबे क्लिनिक में मिला है जो कि आज के तारीख में अपने यौन जीवन से संतुष्ट व खुश है।
इस प्रसिद्ध यौन रोग विशेषज्ञ ने कहा कि ज्यादातर लोग विज्ञापनों और अन्य दवाओं को देखकर भ्रमित हो जाते हैं और अपने सही यौन स्वास्थ्य देखभाल डॉक्टर और उपचार संकाय का चयन नहीं कर पाते हैं। दरअसल, इस इरेक्शन समस्या से जुड़े कई कारण हैं जो अन्य बीमारियों जैसे मधुमेह, हृदय रोग, किडनी की समस्या, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर आदि से संबंधित हैं। इन सारे कारणों को देखते हुए आसानी से कहा जा सकता है कि आयुर्वेदिक उपचार ही एक उपचार की सुरक्षित प्रणाली है जो बिना किसी साइड-इफेक्ट्स के यौन रोगियों को प्राकृतिक तरीको से स्वस्थ व सुदृढ़ बनाती है।
आयुर्वेद व इसके पूरकों में प्राकृतिक स्रोत है जो प्राकृतिक चिकित्सा और उपचार प्रणालियों पर आधारित है। यह एक पारंपरिक औषधि है जिसकी उत्पत्ति 3000 साल पहले भारत में हुई थी। डॉ. सुनील दुबे बिहार के सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट हैं जो लंबे समय से सभी प्रकार के यौन रोगियों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने पुरुषों और महिलाओं के विभिन्न यौन रोगों पर शोध भी किया और इस आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा पेशे में सबसे प्रभावी और 100% प्राकृतिक चिकित्सा की खोज की।
अपने उपचार में, वह सभी आवश्यक उपचार प्रदान करते हैं जो कि एक यौन रोगी के लिए जरुरी चीज़ है।
- आयुर्वेदिक चिकित्सा
- तनाव प्रबंधन उपचार
- यौन परामर्श व युक्ति
- मनोवैज्ञानिक यौन उपचार
- स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देश
- सही दिनचर्या व व्यवहार थेरेपी
- रोगी के चिकित्सा इतिहास का विश्लेषण
- संबंधपरक परामर्श (युगल के लिए)
दुबे क्लिनिक बिहार का पहला आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है जो सभी समाज के लोगो के लिए अग्रणी है। यह क्लिनिक प्रमाणित है और अपनी गुणवत्ता-सिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध है। आयुर्वेदिक डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम दुबे लैब और रिसर्च सेंटर में सभी प्राकृतिक दवाएं तैयार करती है। पूरे भारत से यौन रोगी अपना यौन उपचार कराने के लिए दुबे क्लिनिक में ही आते हैं।
अगर आप यौन रोगी हैं तो आयुर्वेद व इसके उपचार पर विश्वास करें और दुबे क्लीनिक से सलाह लें। इस क्लिनिक में अपॉइंटमेंट लें जो हर दिन सुबह 08:00 बजे से रात 20:00 बजे तक फोन पर उपलब्ध है। बस आपॉइंट ले और क्लिनिक पर जाएँ। यह 100% गारंटी है कि दवा के एक निश्चित समय के बाद आप अपनी यौन समस्याओं से पूरी तरह से उबर जायेंगे। दुबे क्लीनिक से अब तक भारत के छह लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं। यह क्लिनिक 60 वर्षो से लोगो की सेवा में तत्पर है।
शुभकामना सहित:
भारत में एक प्रमाणित क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, गोल्ड मेडलिस्ट सेक्सोलॉजिस्ट
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | पीएच.डी. आयुर्वेद में (यूएसए)
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना - 04
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586; +91 91555 55112
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