नमस्कार दोस्तों!
आपसे मिलकर एक बार फिर से अच्छा लगा...
कृपया, यह चित्रण एक रात्रि स्खलन यौन रोगी की वास्तविक घटना पर आधारित है। अधिकांश युवाओं में यह एक आम यौन विकार है। यह कहानी दुबे क्लिनिक जो कि बिहार का पहला आयुर्वेदिक व सेक्सोलॉजी क्लिनिक है के माध्यम प्रकाशित किया जा रहा है जिससे युवा यौन रोगियों की समस्याओं का समाधान आसानी से किया जा सके।
रात्रि डिस्चार्ज यौन रोगी की एक लघु कहानी:
राजू 20 साल का जवान लड़का था। वह अपने परिवार के साथ बिहार राज्य में रहता था। वह एक कॉलेज का छात्र था जिसकी उम्र तक़रीबन 20 हो रही होगी। दरअसल, वह एक अच्छा इंसान भी था जो लोगो कि मदद करने में विश्वास रखता था साथ ही उसके व्यवहार से कोई भी प्रभावित आसानी से हो सकता था। इधर कुछ कुछ दिनों से वह रात में होने वाले उत्सर्जन से पीड़ित था, जिसे गीले सपने भी कहा जाता है। वह नींद के दौरान ही स्खलित हो जाता है। पहले तो उसने समझा कि यह सामान्य बात है और उसने इस घटना पर ध्यान नहीं दिया।
रात्रि उत्सर्जन यौन रोग के शुरुआती चरण में उसे यह समस्या महीने में दो या तीन बार होती थी। दरअसल, यह युवाओं के बीच में यह आम बात है। महीने में रात्रिकालीन उत्सर्जन की संख्या एक या दो बार हो जाना सामान्य बात है। उसके जीवन में इधर कुछ दिनों से रात्रिकालीन उत्सर्जन की यह संख्या सप्ताह में दो से तीन बार होने लगी। अब इस रात डिस्चार्ज होने के बाद वह उदास रहने लगा। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे और न करे।
उसने अपनी परेशानी किसी से साझा नहीं की। रात में अत्यधिक उत्सर्जन के कारण उन्हें कमजोरी महसूस होने लगी थी। संयोग से, एक दिन उसके मामा उसके घर आये। सभी खुश थे लेकिन राजू खुश नहीं था क्योंकि जगह कम होने के कारण उन दोनों को एक ही कमरे में सोना पड़ता। गेस्ट रूम ही राजू का कमरा था। उसे डर था कि कहीं उसकी गुप्त समस्या का पता उनको न चल जाये। वह मन ही मन डरा हुआ था।
रात हुई और सभी लोग खाना खाकर सोने की तैयारी में जूट गए। राजू और उसके मामा भी सोने की तयारी में थे। राजू मन ही मन डरा-सा प्रतीत दिख रहा था। वह किसी भी तरह आज रात नहीं सोना चाहता था। उसे नींद कब आ गयी पता भी नहीं चला।
जिस बात का उसे डर था वही हुआ, उस रात भी उसे नाइट डिस्चार्ज हो गया। दरअसल, यह यौन समस्या यौन रोगी को या तो सुबह जल्दी या देर रात को होती है। उनके साथ यह घटना सुबह-सुबह घटी जब उनके मामा उनके पास बैठे हुए थे।
उसने देखा कि उसके मामा जगे हुए है और पास में ही बैठे हुए है। उसकी पैंट स्वप्नदोष के कारण भीग गई थी और उसे उसी स्थिति में मामा ने देख लिया था। चूकि गर्मी के दिन थे, अतः रजाई का कोई मतलब ही नहीं था।
उसे सब समझ आ गया की मामा ने सबकुछ देख लिया, लेकिन वह उनसे कुछ बोल नहीं पाया। राजू अपनी हरकत से डर गया और वह भागकर वॉशरूम गया और अपनी ड्रेस बदली। उसके मामा ने उसे बुलाया और एक कप चाय लाने को कहा। उन्होंने उनके आदेश का पालन किया और चाय लाकर दी। इसके बाद वह कॉलेज जाने के लिए तैयार होने लगा।
कॉलेज से लौटकर घर आया तो उसके लगा कि मामा चले गए होंगे, लेकिन वो आज भी रुके हुए थे। उसे लगा कि मामा ने माँ को सब कुछ बता दिया होगा, लेकिन सब कुछ सामान्य था। उसके मामा ने किसी से कुछ भी बात शेयर नहीं की थी। रात हुयी और कल की भांति सभी लोग सोने चले गए।
यह दूसरी रात थी जब वह अपने चाचा के साथ सो रहा था। कल वाली घटना उसके साथ पुनः घटी और यह उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण था जब उसके मामा ने पुनः उसकी इस अवस्था को नोटिस किया। आज उसने अपने मामा से इस घटना के बारे में सब कुछ कहने का निश्चय किया। उसने पहले तो चाय दी फिर वह अपना एक-एक प्वाइंट उन्हें बता दिया। उन्होंने उसे समझाया कि उसे नाइट डिस्चार्ज की समस्या है और उसे सेक्सुअल मेडिसिन काउंसलर से मिलना चाहिए। राजू ने उसे बताया कि पिछले कुछ महीनों से इस स्थिति का सामना कर रहा है।
भारत के वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे से एक मुलाकात:
राजू के मामा को पटना के सबसे अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे के बारे में पता था। उन्होंने उसे कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। हमलोग दुबे क्लिनिक आज चलेंगे और तुम्हारा इलाज करवाएंगे। उन्होंने खुद इस क्लिनिक से फोन पर अपॉइंटमेंट लिए और समय पर दोनों लोग क्लिनिक पहुंच गए।
आधे घंटे का यौन रोग पर परामर्श के बाद, डॉ. सुनील दुबे ने राजू का मेडिकल चेकअप व मनोवैज्ञानिक जाँच करने के बाद दवा दिया। वह भारत के सबसे सफल आयुर्वेदाचार्य है जिन्होंने तक़रीबन चार लाख मरीजों को सफल इलाज किया है। उन्होंने उन दोनों को गुप्त रोग एवं स्वप्नदोष के बारे में विस्तार से बताया। इसके क्या लक्षण और कारण है इस विषय पर चर्चा की। उन्होंने राजू को यह भी समझाया कि किसी भी प्रकार का रोग चाहे व गुप्त रोग हो या अन्य कोई भी, हमेशा अपने से बड़ो से इस पर विचार - विमर्श करे। आज के समय में एक मिलियन लोग प्रतिदिन गुप्त रोग का शिकार हो रहे है। यौन शिक्षा के आभाव में, केवल कुछ ही लोग अपने इस यौन रोग का इलाज समय पर करवाते है।
राजू के डॉ सुनील सर की बातो को गंभीरता से सुना एवं उनके सभी सुझाव को फॉलो करने का विश्वास दिलाया। उनसे नियमानुसार दवा का सेवन किया और कुछ समय के बाद उसे यह गुप्त रोग हमेशा के लिए दूर हो गया।
शुभकामना सहित:
भारत में एक प्रमाणित क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, गोल्ड मेडलिस्ट सेक्सोलॉजिस्ट
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | पीएच.डी. आयुर्वेद में (यूएसए)
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना - 04
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586; +91 91555 55112
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